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Bhavna Jha| New Delhi
केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति (SC) के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2025-26 के लिए मैट्रिक-उपरांत (पोस्ट-मैट्रिक) छात्रवृत्ति योजना के तहत एससी छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान करने की घोषणा की है। इस कदम का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को बिना किसी वित्तीय बाधा के अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद करना है।
पात्रता और लाभ :
इस योजना का लाभ उन छात्रों को मिलेगा जिनके माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं है। योजना के तहत, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्र आवेदन कर सकते हैं।
छात्रवृत्ति के रूप में, छात्रों को प्रति वर्ष ₹2500 से लेकर ₹13500 तक का अकादमिक भत्ता दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, ट्यूशन शुल्क सहित अन्य सभी शुल्कों का भुगतान भी सरकार द्वारा किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान कोई आर्थिक बोझ न उठाना पड़े।
दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन
इस योजना में दिव्यांग छात्रों (विशेष रूप से सक्षम) के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। उन्हें नियमित छात्रवृत्ति राशि के अलावा 10% अतिरिक्त भत्ता भी मिलेगा, जिससे उनकी शिक्षा से जुड़ी विशेष जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सके।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन करने के लिए छात्रों के पास वैध मोबाइल नंबर, आधार नंबर (UIDAI) से जुड़ा बैंक खाता, आय प्रमाण-पत्र, पिछले वर्ष की मार्कशीट और जाति प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। योजना से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश और पात्रता मानदंड मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
सरकार का यह निर्णय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में समानता लाने और अनुसूचित जाति के छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल छात्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करेगा, बल्कि समाज में आर्थिक और सामाजिक न्याय को भी बढ़ावा देगा।
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