CBSE WORKSHOP : शिक्षकों को 21वीं सदी के कौशल पर ध्यान देने की आवश्यकता 

Education
News Desk| Muzaffarpur
नार्दर्न सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स के तत्वावधान में मणिका स्थित मदर टेरेसा विद्यापीठ में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य विषय 'हैन्ड्स-ऑन लर्निंग' और 'प्रैक्टिकल लर्निंग' था। यह आयोजन STEM DLD (डिफ्यूजन, लर्निंग, एंड डेवलपमेंट) के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को नई शिक्षण पद्धतियों से अवगत कराना है। कार्यशाला में लगभग 15 स्कूलों के 45 शिक्षकों ने भाग लिया। इन शिक्षकों में से 14 ने अपने प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए, जिन्हें काफी सराहा गया। दो सर्वश्रेष्ठ प्रेजेंटेशन को आगे की प्रक्रिया के लिए सीबीएसई भेजा जाएगा।


शिक्षकों की प्रस्तुतियों की सराहना की और उन्हें खुद को और अपडेट करने की सलाह दी  : 
कार्यक्रम का उद्घाटन एप्रिशिएशन कमिटी के सदस्य ए.बी.शरण, अवकाशप्राप्त प्राध्यापक श्यामनंदन सहाय, केन्द्रीय विद्यालय गन्नीपुर के पीजीटी एस.पी. चौधरी, पीटीइसी चंदवारा की व्याख्याता रागिनी कुमारी, नार्दर्न सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स के सचिव सतीश कुमार झा, मदर टेरेसा विद्यापीठ की प्राचार्य विनीता कुमारी और होलीक्रास पब्लिक स्कूल के निदेशक राजू सिंह ने संयुक्त रूप से किया। 
विनीता कुमारी, प्राचार्य, मदर टेरेसा विद्यापीठ ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि यह आयोजन सीबीएसई के दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्कूलों में प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके। उन्होंने यूनेस्को द्वारा आयोजित हेल्थ और वेलनेस में अपनी सहभागिता का अनुभव भी साझा किया। सतीश कुमार झा, सचिव, नॉर्दर्न सहोदय स्कूल्स कॉम्प्लेक्स ने कहा कि शिक्षकों को 21वीं सदी के कौशल पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि वे बदलते वैश्विक परिदृश्य में अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभा सकें। उन्होंने STEM को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। डॉ. ए.बी. शरण ने शिक्षकों की प्रस्तुतियों की सराहना की और उन्हें खुद को और अपडेट करने की सलाह दी। 


बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा से जोड़ने का किया आग्रह : 
सुरेन्द्र प्रसाद चौधरी ने शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप खुद को तैयार करने और बच्चों को व्यावहारिक शिक्षा से जोड़ने का आग्रह किया। रागिनी कुमारी ने शिक्षकों से ऐसी शिक्षण प्रणाली विकसित करने का आह्वान किया, जिससे बच्चे कक्षा में उनके साथ बेहतर तरीके से जुड़ सकें। कार्यक्रम का संचालन विद्यापीठ की सामाजिक विज्ञान टीजीटी मनीषा कर्ण ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सहोदय के तकनीकी प्रधान अमृतेश रंजन ने किया।