शिक्षा के सितारे : मुजफ्फरपुर के तीन शिक्षकों को मिलेगा "राजकीय शिक्षक सम्मान"

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News Desk| Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर की धरती से तीन ऐसे शिक्षक सामने आए हैं, जिन्होंने अपने खास अंदाज से बच्चों के भविष्य को संवारा है। अब उनकी मेहनत और लगन को राजकीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा जाएगा। यह सम्मान उन्हें 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर पटना में होने वाले समारोह में दिया जाएगा। दरअसल, बिहार भर के 72 शिक्षकों को इस सम्मान के लिए चुना गया है, और मुजफ्फरपुर के इन तीन शिक्षकों ने अपनी जगह बनाई है। अध्यापन में नए-नए तरीके अपनाने, बच्चों को पढ़ाई में मन लगाने और शिक्षा को एक नया रूप देने के लिए उनका चयन किया गया है। जिले से भेजे गए पाँच नामों में से इन तीनों ने बाजी मारी।

अलका राय की पहचान उनके काम से है

एमआरएस हाई स्कूल, मनियारी की शिक्षिका अलका राय सिर्फ एक टीचर नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक हैं। उनके मार्गदर्शन में विद्यार्थियों के तीन प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुके हैं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। 2020 से उनके छात्र लगातार राज्य स्तर पर कमाल कर रहे हैं। अलका ने नौवीं और दसवीं के बच्चों के लिए खास ई-कंटेंट भी बनाया, जो टीवी पर प्रसारित हुआ। वह स्कूल के इको और यूथ क्लब में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

विवेक कुमार ने भाषा को बनाया आसान


भोला सिंह उच्च विद्यालय, पुरुषोत्तमपुर के हिंदी शिक्षक विवेक कुमार ने हिंदी को बच्चों के लिए आसान बना दिया है। उन्होंने एक ऐसी नई शैली अपनाई, जिससे बच्चे अब न सिर्फ शुद्ध बोलते हैं, बल्कि सही लिखते भी हैं। उन्होंने भाषा की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मजेदार तरीके सिखाए। इसके अलावा, वह यूथ और इको क्लब में भी सक्रिय हैं और कई खास मौकों पर कविताएं भी लिखते हैं।

हरिनारायण सहनी की सक्रियता लाजवाब


महिला शिल्प कला भवन प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय के रसायनशास्त्र के शिक्षक हरिनारायण सहनी सिर्फ क्लास तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने छात्राओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जगाई। विज्ञान प्रदर्शनी, नाटक, और संगोष्ठियों में उनकी भागीदारी हमेशा बनी रहती है। उन्होंने पॉलीथीन मुक्त भारत, कचरा प्रबंधन, और दहेज उन्मूलन जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी काम किया है, जिससे उनका योगदान सिर्फ शिक्षा तक ही सीमित नहीं है। 2024 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए भी उनका नाम प्रस्तावित किया गया था।