UNESCO World Heritage Site: शिवाजी के किलों को मिला वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा - जानिए क्यों है ये भारत के लिए खास

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UNESCO World Heritage Site: भारत की सांस्कृतिक विरासत को एक बहुत बड़ी पहचान मिली है। 'Maratha Military Landscapes of India' यानी मराठा सेना से जुड़े 12 किले अब यूनेस्को की World Heritage Site बन गए हैं। ये ऐलान पेरिस में हुई 47वीं बैठक में किया गया। अब भारत के पास 44 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हो गई हैं। इससे भारत दुनिया में छठे नंबर पर पहुंच गया है और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दूसरे स्थान पर।


कौन-कौन से किले जुड़े हैं इस सूची में?

ये 12 किले अलग-अलग जगहों पर हैं और हर किला एक अलग तरह के इलाके को दिखाता है – पहाड़, समुद्र, जंगल और टापू।

इन किलों को छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा शासकों ने खास रणनीति से बनवाया था ताकि दुश्मनों से सुरक्षा हो सके।

चलिए एक-एक करके जानें:

🔹 1. साल्हेर किला (महाराष्ट्र): सह्याद्रि की पहाड़ियों में बसा यह किला मराठों की ताकत और रणनीति की मिसाल है।

🔹 2. शिवनेरी किला (महाराष्ट्र): यहीं छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। ये किला ऊँचाई पर बना है और बहुत मजबूत है।

🔹 3. लोहगढ़ किला (पुणे के पास): यह किला मजबूत दीवारों और सुंदर नज़ारों के लिए जाना जाता है। यहाँ से कई युद्ध अभियान शुरू हुए थे।

🔹 4. कन्हेरी किला (अरब सागर में): यह एक टापू पर बना किला है, जो समुद्री सुरक्षा के लिए बहुत खास था।

🔹 5. रायगढ़ किला (महाराष्ट्र): छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी। ये किला उनकी सत्ता और रणनीति का प्रतीक है।

🔹 6. राजगढ़ किला: मराठा साम्राज्य की पहली राजधानी। पहाड़ों के बीच बना ये किला बेहद शानदार है।

🔹 7. प्रतापगढ़ किला: यहां प्रतापगढ़ की ऐतिहासिक लड़ाई हुई थी। यह किला घने जंगलों के बीच बना है।

🔹 8. सुवर्णदुर्ग किला (कोंकण के पास): समुंदर के बीच बसा यह किला मराठा नौसेना की ताकत दिखाता है।

🔹 9. पन्हाला किला: पठारी इलाके में बना यह किला ऊँचाई से पूरे क्षेत्र पर नजर रखता है।

🔹 10. विजयदुर्ग किला: कोंकण किनारे स्थित यह किला आज भी अच्छी हालत में है और मराठों की समुद्री शक्ति दिखाता है।

🔹 11. सिंधुदुर्ग किला: इस किले को खुद शिवाजी महाराज ने बनवाया था। इसमें खास किस्म की दीवारें और दरवाजे हैं।

🔹 12. जिन्जी किला (तमिलनाडु): यह इस सूची का इकलौता दक्षिण भारत का किला है। ऊँचाई पर बना यह किला बहुत विशाल और खास है।


क्यों है यह भारत के लिए बड़ी बात?

यह फैसला भारत की इतिहास और धरोहर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान देता है। मराठा किले सिर्फ पत्थर की इमारतें नहीं, बल्कि भारत की वीरता, समझदारी और आत्मसम्मान की पहचान हैं। इससे इन किलों को संरक्षित रखने के लिए ज्यादा ध्यान और फंड मिलेगा। भारत की पर्यटन इंडस्ट्री को भी फायदा होगा, क्योंकि दुनियाभर से लोग इन्हें देखने आएंगे।


क्या आप जानते हैं?


*UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होने के लिए कोई भी जगह इतिहास, कला, संस्कृति या प्रकृति के लिहाज से खास होनी चाहिए।

*भारत में अब कुल 44 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं।

*पिछले साल असम के चाराइदेव के मोईडाम्स को भी इस लिस्ट में जोड़ा गया था।