Friendship and FIR: दोस्त का उधार नहीं लौटाने पर 1 साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना भी 

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Friendship with FIR: कहते हैं दोस्ती सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है। लेकिन जब वही दोस्त उधार लेकर भाग जाए, तो यकीन करिए — दोस्ती का भरोसा टूटता ही नहीं, कोर्ट तक बात पहुँच जाती है।

क्या है पूरा मामला?
हल्द्वानी (उत्तराखंड) के रहने वाले महेंद्र सिंह लटवाल ने अपने पुराने दोस्त मेधश्याम सिंह रावत को 7.70 लाख रुपये उधार दिए थे। दोस्ती पर भरोसा करते हुए महेंद्र ने बिना ज्यादा कुछ सोचे पैसे दे दिए।बदले में मेधश्याम ने एक चेक बतौर सिक्योरिटी दिया, जिस पर उसके खुद के हस्ताक्षर थे। जब महेंद्र ने वह चेक बैंक में लगाया, तो बैंक ने उसे अनादरित (डिसऑनर) कर दिया यानी चेक बाउंस हो गया।इसके बाद महेंद्र ने कोर्ट में केस कर दिया। यह मामला साल 2016 से चल रहा था, यानी करीब 9 साल तक केस चला।

कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया?

गुरुवार (3 जुलाई 2025) को हल्द्वानी के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार पांडेय की कोर्ट ने आरोपी मेधश्याम को एक साल की जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना देने की सजा सुनाई। इसमें से 9.5 लाख रुपये पीड़ित महेंद्र को मुआवजे (compensation) के तौर पर दिए जाएंगे। कोर्ट ने साफ कहा कि मेधश्याम ने पैसे हड़पकर दोस्ती का भरोसा तोड़ा और फरार हो गया, जो कानूनन गलत है।

आरोपी पहले भी जा चुका है जेल
सुनवाई के दौरान यह भी पता चला कि मेधश्याम इससे पहले भी मुरादाबाद के एक मामले में जेल जा चुका है। अब वह दोबारा जेल जाने वाला है, लेकिन इस बार अपने दोस्त का पैसा न लौटाने के कारण।