माताओं को सशक्त बनाने के लिए स्थाई सहायता प्रणालियां आवश्यक : डॉ. अरुण शाह

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News Desk| Muzaffarpur
विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग में बुधवार को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम "स्तनपान को प्राथमिकता दें। स्थाई सहायता प्रणालियां बनाएं" पर केंद्रित इस कार्यक्रम में शहर के जाने-माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण शाह ने मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। डॉ. शाह ने अपने संबोधन में स्तनपान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि माताओं को सशक्त बनाने के लिए दीर्घकालिक और न्यायसंगत सहायता ढांचों की स्थापना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्तनपान को सफल बनाने के लिए माता को परिवार, स्वास्थ्य सेवाओं, कार्यस्थलों और समुदाय से निरंतर समर्थन मिलना चाहिए।
शिशु के संपूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण व माता के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है स्तनपान : 
डॉ. शाह ने स्तनपान से शिशु और माता दोनों को होने वाले विस्तृत लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह न केवल शिशु के संपूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि माता के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्तनपान से जुड़ी कई भ्रांतियों पर भी चर्चा की और इन्हें दूर करने के लिए माताओं की उचित काउंसलिंग को महत्वपूर्ण बताया।
छात्राओं ने पूछे सवाल : 
सेमिनार में बड़ी संख्या में मौजूद छात्राओं ने डॉ. शाह से अपने सवाल पूछे, जिनके उन्होंने संतोषजनक जवाब दिए और उनकी सभी शंकाओं का समाधान किया। इस कार्यक्रम में विभाग अध्यक्ष डॉ. संगीता रानी ने स्वागत भाषण दिया, डॉ. कुसुम कुमारी ने विषय प्रवेश कराया, डॉ. रेणु कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन किया, जबकि मंच का संचालन डॉ. विदिशा मिश्रा ने किया। यह सेमिनार माताओं को सशक्त बनाने और स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।