वर्तमान समय डिजिटलाइजेशन का, लेकिन पुस्तकों का आज भी कोई विकल्प नहीं

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News Desk| Muzaffarpur
 बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में मंगलवार को डॉ.एसआर रंगनाथन की 133 वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्रीय पुस्तकालय के अध्यक्ष एवं पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ.कौशल किशोर चौधरी ने कहा कि डॉ.रंगनाथन पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के जनक थे। आज भारत मे पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान की लोकप्रियता इनकी ही देन है। वर्तमान समय डिजिटलाइजेशन का है, लेकिन पुस्तकों का आज भी कोई विकल्प नहीं है। पुस्तकों की प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी। इस विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय शोध गंगा पर शोध कार्य को अपलोड करने मे पुरे राज्य मे प्रथम स्थान पर है।


सभी पंचायतों मे होनी है सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना 
इस पुस्तकालय में सर्वाधिक छात्र अध्ययन केंद्र का उपयोग करते हैं। बिहार राज्य में पुस्तकालय अधिनियम 2008 मे पारित हुआ, जिसके अंर्तगत राज्य के सभी पंचायतों मे सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना होनी है। साथ ही बिहार राज्य के विश्वविद्यालयों तथा अंगीभूत महाविद्यालयों मे पुस्तकालयाध्यक्षों के विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति होनी है।  इसके लिए अभी हाल मे ही राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति की संख्या सभी विश्वविद्यालयों से मांगी गई है। उम्मीद है कि उच्च विद्यालयों समेत महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों मे निकट भविष्य मे नियुक्ति हो सकती है।

प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं के बीच प्रमाणपत्र का वितरण 
केंद्रीय पुस्तकालय की सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ गौरी कुमारी ने प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र वितरित किया. उन सभी को शुभकामनायें दी। धन्यवाद ज्ञापन जीएन भट्ट ने किया। पुस्तकालय के प्रशिक्षित छात्र बसंत भारद्वाज, सोनी कुमारी, रौशन कुमार, चंदन कुमार, ईषव राज ने कार्यक्रम को सफल बनाने में भूमिका निभायी। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ.मनोज कुमार शर्मा, डॉ.अनंत कुमार सिंह, रोहित कुमार, समीर कुमार, सजल कुमार, उपेन्द्र कुमार, कुन्दन कुमार, अंजनी कुमार, लव कुमार साह आदि कई लोग उपस्थित थे।