Negotiating Intimate Relationships Course: DU ने शुरू किया प्यार और ब्रेकअप का कोर्स, फिल्मों के जरिए समझाया जाएगा 

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Negotiating Intimate Relationships Course: Love is Blind.  क्या प्यार पर भी पढ़ाई हो सकती है? क्या ब्रेकअप, जलन और रिश्तों की उलझनों को समझना भी एक विषय हो सकता है? दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इसका जवाब "हां" में दिया है। यूनिवर्सिटी ने 2023 से एक नया कोर्स शुरू किया है जिसका नाम है – ‘Negotiating Intimate Relationships’ यानी “निजी रिश्तों को समझना और सुलझाना”। यह कोर्स 2023-26 सत्र से यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर शामिल है और साइकोलॉजी विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह खासतौर पर Gen Z छात्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो आज के डिजिटल दौर में रिश्तों को लेकर नई-नई चुनौतियों से गुजरते हैं।

क्यों जरूरी है यह कोर्स?

आज की युवा पीढ़ी रिलेशनशिप्स को लेकर कई भावनात्मक समस्याओं से जूझ रही है। सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स, ब्रेकअप और ऑनलाइन निगरानी जैसे मुद्दे युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में टॉक्सिक रिश्तों से जुड़ी हिंसा और अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। कई युवाओं ने रिलेशनशिप में धोखा खाने, ईर्ष्या, या इमोशनल एब्यूज़ के चलते आत्मघात या हिंसक कदम उठा लिए हैं जैसे,

- मर्चेन्ट नेवी ऑफिसर सौरव कुमार राजपूत की हत्या उसकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर किया।

- सोनम राजा रघुवंशी केस:- जहां राजा की पत्नी सोनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर हनीमून के दौरान हत्या कर दी।

इन्हीं चिंताओं को देखते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने यह कोर्स लाकर छात्रों में इमोशनल इंटेलिजेंस और रेज़िलिएंस बढ़ाने की कोशिश की है। यह कोर्स एक तरह से उन्हें "रिश्तों की भाषा" सिखाता है।


कौन कर सकता है यह कोर्स?

कोई भी छात्र जिसने 12वीं पास कर ली है, वह इस कोर्स को ग्रेजुएशन के दौरान एक जनरल इलेक्टिव की तरह चुन सकता है। यह कोर्स चार क्रेडिट का है जिसमें हर हफ्ते तीन लेक्चर और एक ट्युटोरियल होगा।


कोर्स का स्ट्रक्चर और यूनिट

यह कोर्स खास तरीके से चार भागों में बांटा गया है:

1. दोस्ती से प्यार तक का सफर

-कैसे दोस्ती धीरे-धीरे रोमांटिक रिश्ते में बदलती है

-रिश्तों को लंबे समय तक कैसे बनाए रखें

-दोस्ती और प्यार की गहराई को समझना

2. प्यार और सेक्सुअलिटी को समझना

-इमोशनल अटैचमेंट और सेक्सुअलिटी की भूमिका

-Sternberg’s Triangular Theory और Two-Factor Theory जैसी साइकोलॉजिकल थ्योरीज़ के ज़रिए प्यार को समझना

3. रिश्तों में खतरे की पहचान

-जलन, धोखा, इमोशनल एब्यूज़ और पार्टनर वायलेंस के संकेत

-खुद को प्राथमिकता देना और मानसिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना

4. हेल्दी रिलेशनशिप बनाना

-कम्युनिकेशन स्किल्स, सहानुभूति और भावनात्मक सहयोग

-परिवार और सामाजिक रिश्तों में संतुलन बनाना


क्लास में पढ़ाई का तरीका

इस कोर्स की सबसे खास बात है इसका इंटरैक्टिव और ओपन माहौल। यहां कोई जजमेंट नहीं, बस बातचीत और समझ है। ट्युटोरियल में होंगे फिल्म रिव्यू, डेटिंग कल्चर पर बहस, सोशल मीडिया पर चर्चा, और ग्रुप डिस्कशन। छात्र Kabir Singh और Titanic जैसी फिल्मों का विश्लेषण करेंगे ताकि वे जान सकें कि फिल्मों में दिखाए गए प्यार और असल ज़िंदगी के रिश्तों में क्या फर्क है। Tinder और Instagram जैसे ऐप्स पर कैसे रिश्ते बदलते हैं, इस पर भी चर्चा होगी।


क्यों शुरू किया गया यह कोर्स?

हाल के सालों में दिल्ली और देश के कई हिस्सों में रिलेशनशिप से जुड़ी हिंसात्मक घटनाएं बढ़ी हैं। कॉलेज के स्टूडेंट्स के बीच जलन, गुस्सा, ब्रेकअप के बाद हिंसा जैसी घटनाएं चिंता का कारण बन रही हैं।

-2022 में Shraddha Walker की हत्या उसके लिव-इन पार्टनर ने की थी।

-दिल्ली और अन्य राज्यों में कई छात्राओं की हत्या उनके ब्वॉयफ्रेंड्स ने कर दी, क्योंकि वे ब्रेकअप या किसी और से दोस्ती नहीं सह पाए।

इन मामलों को देखकर दिल्ली यूनिवर्सिटी ने सोचा कि अगर रिश्तों को समझना सिखाया जाए, तो शायद ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।