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News Desk| Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर की गलियों से दिल्ली विश्वविद्यालय के शीर्ष तक, और अब बिहार के सर्वोच्च प्रशासनिक पद पर... यह कहानी है 1991 बैच के आइएएस अधिकारी प्रत्यय अमृत की। बिहार के नए मुख्य सचिव का पदभार संभालने वाले प्रत्यय अमृत के लिए यह यात्रा प्रतिभा, कड़ी मेहनत और अटूट लगन का प्रमाण है।
मूल रूप से मुजफ्फरपुर के पड़ाव पोखर रोड के रहने वाले प्रत्यय अमृत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा (पांचवीं कक्षा तक) यहीं के प्रतिष्ठित प्रभात तारा स्कूल से पूरी की। उनके पिता, डॉ. रिपुसूदन श्रीवास्तव, जो स्वयं एलएस कॉलेज के प्राचार्य और बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं, और मां, डॉ. कविता श्रीवास्तव, जो एक सेवानिवृत्त प्राध्यापक हैं, के लिए यह गर्व का क्षण है। डॉ. श्रीवास्तव कहते हैं, "मेरिट और वरीयता के आधार पर उन्हें यह पद मिला है। एक पिता के लिए इससे बड़ी खुशी और क्या हो सकती है।"
छोटे शहरों से निकलकर बड़े सपने देखने वाले युवाओं के प्रेरणास्राेत
आसनसोल में स्कूली शिक्षा और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक के बाद, प्रत्यय अमृत ने इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। यहां भी उनकी मेधा का लोहा मनवाया, जब वे दिल्ली विश्वविद्यालय के टॉपर बने। उनकी यह शैक्षणिक उत्कृष्टता उनके प्रशासनिक करियर में भी हमेशा झलकती रही है। यह उपलब्धि न केवल प्रत्यय अमृत की है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो छोटे शहरों से निकलकर बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने की हिम्मत रखते हैं।
मुख्य सचिव बनाये जाने पर इन्होंने जतायी खुशी :
वर्तमान में विकास आयुक्त के पद पर कार्यरत प्रत्यय अमृत के पास स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का अतिरिक्त प्रभार भी है। मुजफ्फरपुर के साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों ने भी उनके मुख्य सचिव बनने पर खुशी जताई है, जिसमें डॉ. पूनम सिंह, डॉ. पूनम सिन्हा, डॉ. रमेश ऋतंभर और डॉ. संजय पंकज, डॉ सतीश कुमार जैसे कई नाम शामिल हैं।
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